नई दिल्ली। सुखबीर सिंह बादल ने शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। बादल ने पार्टी की वर्किंग कमेटी को इस्तीफा सौंप दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता दलजीत चीमा ने कहा कि अब पार्टी में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा। पंजाब में चार विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले अकाली दल को एक बड़ा झटका लगा है।
शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पर बागी अकालियों ने एक जुलाई को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाए थे कि अकाली दल की सरकार के दौरान विभिन्न धार्मिक गलतियां की गई हैं। इसके लिए अकाली दल का नेतृत्व पूरी तरह जिम्मेदार है। सरकार में सुखबीर बादल डिप्टी सीएम थे। इसके बाद सुखबीर बादल 30 अगस्त को जत्थेदार रघबीर सिंह द्वारा तनखाहिया घोषित किए गए थे।
वे धार्मिक सजा जल्दी सुनाने को लेकर अकाल तख्त साहिब से गुहार लगा चुके हैं। सुखबीर बादल ने अपने अपील पत्र में कहा कि उनके तनखाहिया घोषित होने के चलते पार्टी के कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। सिंह साहिबानों के आदेशों के अनुसार वह पार्टी की गतिविधियों में भी भाग नहीं ले रहे हैं।
सिख पंथ व पंजाब को इस समय गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन वह आदेशों के अनुसार पंजाब के लोगों और पार्टी कार्यकर्ताओं की कोई भी सहायता करने में असमर्थ हैं। इसलिए उनके मामले को लेकर जल्द ही कोई फैसला लिया जाए। वह दास के तौर पर सिंह साहिबानों का हर आदेश का पालन करने को तैयार हैं।
तनखाहिया करार होने के कारण सुखबीर बादल चुनाव प्रचार व अन्य राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो सकते थे। सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी के वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भूंदड़ को शिरोमणि अकाली दल का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर दिया था।
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