हमास के आतंकवादियों द्वारा लगभग 50 दिनों तक बंधक बनाकर रखी गई 72 वर्षीय इजरायली महिला ने बड़े खुलासे किए हैं।
बुधवार को एक इजरायली टीवी चैनल को उन्होंने बताया कि उसे एक अंधेरी, नमी वाली सुरंग में रखा गया था जहां वह हमास के नेता से मिली थी।
बीते साल अक्टूबर से ही हमास और इजरायल के बीच जंग जारी है।
अदीना मोशे को सात अक्टूबर को किबुत्ज निर ओज गांव से बंदी बना लिया गया था। उन्हें नवंबर के अंत में हमास के साथ एक समझौते के बाद मुक्त कर दिया गया था।
इस समझौते के तहत हमास ने लगभग 100 इजरायली बंधकों को रिहा किया था बदले में इजरायल द्वारा कैद किए गए फिलिस्तीनियों की रिहाई की गई थी।रिहा किए गए लोगों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।
इजरायली चैनल ’12 टीवी’ पर अदीना मोशे का साक्षात्कार तब आया है जब एक नए समझौते को लेकर प्रयास जारी है जिसके तहत शेष 100 या उससे अधिक बंदियों को मुक्त किया जा सकता है।
यह साक्षात्कार उन कठिन परिस्थितियों पर भी नई रोशनी डालता है जो बंधकों ने हमास की कैद में रहने के दौरान सहन की थीं, जहां हमास नेता येह्या सिनवार ने मोशे और बंधकों के एक समूह से मुलाकात की थी।
मोशे ने बताया कि सिनवार ने उन सभी को हिब्रू भाषा में संबोधित करते हुए पूछा, ‘नमस्ते। आप कैसे हैं? सब ठीक है?’ सिनवार ने बताया कि उसने इजरायल में लंबे समय तक कैद के दौरान ये भाषा सीखी थी। मोशे ने कहा कि बंधकों ने अपना सिर झुका लिया और कोई जवाब नहीं दिया।
मोशे ने बंधक बनाए जाने की घटना का विवरण देते हुए कहा कि आतंकवादियों ने उस घर पर छापा मारा जिसमें वह अपने पति डेविड के साथ रहती थीं।
उन्होंने कहा कि एक आतंकवादी उन्हें बाहर लेकर चला गया जबकि दूसरे ने उनके पति की हत्या कर दी। उन्होंने बताया कि इसके बाद उन्हें दो हथियारबंद आतंकवादियों के साथ एक मोटरसाइकिल पर गाजा ले जाया गया, उन्हें प्रताड़ित किया गया और आतंकवादियों ने उनके सारे गहने ले लिए तथा एक राहगीर ने उनका चश्मा चुरा लिया।
मोशे और अन्य बंधकों के एक समूह को हमास के सुरंगों के विशाल नेटवर्क में ले जाया गया जहां से उन्हें एक भूमिगत कमरे में ले जाया गया और बताया गया कि उन्हें आने वाले दिनों में रिहा कर दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘हमने उन पर विश्वास किया। हमारा मानना था कि यह पहला काम होगा जो इजरायल करेगा।’ उन्हें मुक्त होने में लगभग 50 दिन का समय लग गया।
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