अमेरिका को यूं तो इजरायल का समर्थक माना जाता है, लेकिन वहां के विश्वविद्यालयों में इन दिनों फिलिस्तीन के सपोर्ट में नारे गूंज रहे हैं।
इजरायल के खिलाफ बुधवार को तो आंदोलन और तेज हो गए। इसके चलते न्यूयॉर्क से लेकर लॉस एंजिलिस तक तमाम विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में पुलिस को बुलाना पड़ गया।
फिलिस्तीन समर्थक आंदोलनकारियों ने कई जगहों पर कब्जा जमा लिया था और हटने के लिए तैयार ही नहीं थे। अंत में पुलिस की मदद से उन्हें कई जगहों पर हटाना पड़ा। अब तक 300 लोगों को अकेले न्यूयॉर्क में ही अरेस्ट भी किया जा चुका है।
न्यूयॉर्क के मेयर एरिक एडम्स ने कहा कि सिटी कॉलेज ऑफ न्यूयॉर्क और कोलंबिया यूनिवर्सिटी से मंगलवार की रात को 300 लोगों को अरेस्ट किया गया है।
इसके साथ ही पुलिस ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी की एक इमारत को खाली कराया, जिसे बीते दो दिनों से फिलिस्तीन समर्थकों ने घेर रखा था।
इसके अलावा यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया में भी पुलिस ने सख्त ऐक्शन लिया। पुलिस यहां बुधवार को सुबह पहुंची और भीड़ को बाहर किया।
दरअसल एक तरफ इजरायल के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं तो वहीं उसके समर्थक भी अब सड़कों पर उतर रहे हैं। इसके चलते अमेरिका में हिंसा होने का भी डर है। इसी के चलते अब जाकर प्रशासन मुस्तैद हो गया है।
अमेरिका की ही तुलाने यूनिवर्सिटी और यूनिवर्सिटी ऑफ ऐरिजोना में भी ऐसा ही हालात रहे हैं। एरिजोना यूनिवर्सिटी में तो पुलिस को स्प्रे छिड़कना पड़ गया ताकि आंदोलनकारी तितर-बितर हो जाएं। इसके बाद भी बड़ी संख्या में लोग डटे रहे।
कई लोगों ने तो साफ कहा कि हम ऐक्शन के बाद भी पीछे नहीं हटेंगे। इन लोगों का कहना था कि अमेरिका में बोलने की आजादी है।
हमें आंदोलन से रोका नहीं जा सकता। बता दें कि अमेरिकी विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन के चलते इजरायल से भी उसके संबंध खराब हो रहे हैं।
इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका में तो अब इजरायल की बर्बादी के नारे लग रहे हैं। इन लोगों को बाइडेन सरकार रोक नहीं पा रही।
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