गाजा में तुरंत हो युद्धविराम, इजरायल को ठहराया जाए ‘युद्ध अपराधी’; UN में वोटिंग से भारत का किनारा…

गाजा में हो रहे इजरायली हमले के विरोध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में शुक्रवार को एक प्रस्ताव लाया गया, जिसमें इजरायल को तुरंत युद्ध विराम करने और उसे अपराधी घोषित करने के लिए वोटिंग हुई लेकिन भारत समेत 13 देशों ने उससे अपने को किनारा कर लिया और वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।

प्रस्ताव में गाजा में संभावित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराए जाने की मांग की गई थी।

गाजा पट्टी में मानवाधिकारों की बिगड़ती स्थिति पर लाए गए प्रस्ताव के पक्ष में कुल 28 देशों ने मतदान किया, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और जर्मनी समेत कुल छह देशों ने उस  प्रस्ताव के विरोध में वोट किया। भारत समेत 13 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।

जिन देशों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया, उन देशों ने इजरायल को हथियार सप्लाय करने वाले पश्चिमी देशों को इस अराजक स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया।

प्रस्ताव में इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया गया है और कहा गया कि सभी देशों को इजरायल को हथियारों और अन्य सैन्य उपकरणों की बिक्री और हस्तांतरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाना चाहिए ताकि अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन और मानवाधिकारों का उल्लंघन रोका जा सके। इस प्रस्ताव के साथ ही परिषद के कई प्रतिनिधियों को खुशी मनाते और ताली बजाते हुए देखा गया।

प्रस्ताव में यह भी मांग की गई कि इजराइल गाजा पट्टी से अपनी अवैध नाकाबंदी तुरंत हटा ले। परिषद द्वारा ‘पूर्वी यरूशलम सहित अधिकृत फलस्तीनी क्षेत्र में मानवाधिकार की स्थिति और जवाबदेही एवं न्याय सुनिश्चित करने के दायित्व’ पर मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार किया गया, जिसके पक्ष में 28 मत पड़े। 

भारत, फ्रांस, जापान, नीदरलैंड और रोमानिया सहित 13 देश प्रस्ताव पर मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे। प्रस्ताव के ख़िलाफ़ मतदान करने वालों में अर्जेंटीना, बुल्गारिया, जर्मनी और अमेरिका शामिल हैं। प्रस्ताव के पक्ष में मतदान करने वाले देशों में बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, चीन, इंडोनेशिया, कुवैत, मलेशिया, मालदीव, कतर, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और वियतनाम भी शामिल हैं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours