क्या IIT में भी नौकरियों का हाहाकार, कंपनियों का जारी है इंतजार; 35% का प्लेसमेंट बाकी…

IIT यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी भी छात्रों के प्लेसमेंट को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।

आंकड़े बताते हैं कि देश में औसतन 30 से 35 फीसदी छात्रों का प्लेसमेंट बाकी है। इस परेशानी से उबरने के लिए IITs ने जनवरी में प्लेसमेंट का नया दौर शुरू किया है।

साथ ही कई संस्थानों में नई कंपनियों को आमंत्रित करने की तैयारी शुरू की गई है।

रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल की तुलना में हायरिंग की गति काफी धीमी रही है। एक ओर जहां कुछ IITs ऐसी कंपनियों की तलाश में लगे हैं, जो आकर नौकरियां देने की इच्छा रखती हैं।

वहीं, कुछ संस्थानों में प्लेसमेंट के दूसरे दौर को जून या जुलाई तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है।

रिपोर्ट में IIT बॉम्बे के सूत्र के हवाले से बताया गया, ‘गति धीमी होना एक वैश्विक समस्या है। दुनियाभर में आईआईटी की हायरिंग में कमी देखी गई है। जून तक चलने वाले दूसरे चरण में 100 से ज्यादा छात्रों को नौकरी मिल गई है।’

अखबार से बातचीत में करियर डेवलपमेंट सेंटर IIT-KGP के अध्यक्ष राजीव मैती बताते हैं, ‘बीते साल की तुलना में इस बार प्लेसमेंट कुछ कम है।

करीब 66% यूजी छात्रों की नौकरी लग गई है और बचे 34 फीसदी की बाकी है। अभी एक महीना बाकी है और कई कंपनियां कैम्पस में आ रही हैं। साथ ही बचे हुए छात्रों के दिमाग में करियर के दूसरे विकल्प भी हैं।’

IIT कानपुर से शिक्षा हासिल कर चुके धीरज सिंह अखबार से बातचीत में कहते हैं कि छात्र सरकारी कंपनियों या UPSC या SSC के विकल्पों को भी देख रहे हैं, जो सुरक्षित होते हैं।

सिंह को IIT दिल्ली की तरफ से मिले RTI जवाब में बताया गया है कि इस साल 28 फरवरी तक 1036 छात्र प्लेस हुए हैं। 

हालांकि, इसमें उन छात्रों की संख्या का ब्योरा नहीं था, जिन्होंने प्लेसमेंट के लिए रजिस्ट्रेशन किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, दिसंबर 2023 तक प्लेसमेंट का पहला चरण खत्म होने के बाद IIT दिल्ली ने जानकारी दी थी कि करीब 1 हजार छात्र प्लेस हो चुके हैं। सिंह का कहना है, ‘तो 15 जनवरी और फरवरी के अंत तक मात्र 36 छात्रों की ही नौकरी लगी…।’

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours