भारतीयों को बिना वीजा कनाडा भेजता था ब्रिटिश एयरवेज का कर्मचारी, कमाए 31 करोड़; अब भारत में आ छिपा…

ब्रिटिश एयरवेज का एक पूर्व सुपरवाइजर इन दिनों भारत में कहीं छिपा हुआ है।

उस पर 3 मिलियन पाउंड (31 करोड़ रुपये) के इमिग्रेशन घोटाले का आरोप है। आरोपों की जांच शुरू होते ही वह ब्रिटेन से भागकर भारत में आ गया है।

आरोपी सुपरवाइजर लंदन के हीथ्रो टर्मिनल 5 पर बीए चेक-इन सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था। इस दौरान वह पिछले पांच साल से हैरान कर देने वाले घोटाले को अंदाम दे रहा है। 

उस व्यक्ति पर आरोप है कि उसने लंदन में भारतीयों को बिना वैध वीजा के कनाडा जाने वाली ब्रिटिश एयरवेज (बीए) फ्लाइट में जाने की अनुमति दी थी।

इसके लिए वह प्रति व्यक्ति 25,000 पाउंड (26 लाख रुपये) रिश्वत लेता था। कनाडा पहुंचने के बाद ये भारतीय तुरंत वहां रहने के लिए शरण मांगते थे। 

आरोपी सुपरवाइजर को 6 जनवरी को ब्रिटेन में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अपराध के लिए जमानत मिलने के बाद वह व्यक्ति बीए ग्राउंड सर्विसेज में काम करने वाले अपने साथी के साथ भारत भाग आया।

बीए ने स्टाफ के दोनों सदस्यों को बर्खास्त कर दिया है। यूके पुलिस इन दोनों व्यक्तियों का पता लगाने के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ काम कर रही है ताकि उन्हें ब्रिटेन प्रत्यर्पित किया जा सके।

रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसा माना जाता है कि उस व्यक्ति के पास भारत में कई घर हैं। संभवतः अपने रैकेट से कमाई गई कई मिलियन पाउंड से उसे ये घर खरीदे होंगे। 

टाइम्स ऑफ इंडिया ने सूत्र के हवाले से लिखा, “यह घोटाला भारतीयों को कनाडा जाने में मदद करने के लिए था नाकि यूके में। क्योंकि उनके पास यूके में रहने के लिए सही दस्तावेज थे।”

ये भारतीय कनाडा में एंट्री करने के लक्ष्य के साथ विजिटर वीजा पर बीए फ्लाइट्स के जरिए ब्रिटेन (यूके) जाते थे। वहां से इस सुपरवाइजर की मदद से कनाडा चले जाते थे।

इनके अलावा, ऐसे भारतीय भी शामिल थे जो ब्रिटेन में रह रहे थे और वहां शरण के लिए आवेदन किया था। लेकिन उन्हें चिंता थी कि उनके दावे को खारिज कर दिया जाएगा और वापस भारत भेज दिया जाएगा। 

रिपोर्ट के मुताबिक, एक सूत्र ने बताया, “सुपरवाइजर यह सुनिश्चित करता था कि कनाडा जाने वाले भारतीय उसकी चेक-इन डेस्क पर आएं।

फिर वहां से उन्हें सीधे बोर्डिंग गेट भेजता था।” द सन की रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई अधिकारियों ने बीए की फ्लाइट्स से आने वाले भारतीयों का एक पैटर्न देखा जो आते ही शरण मांगते थे।

उन्होंने तुरंत लंदन में सूचित किया कि वहां से बीए की फ्लाइट्स से आने वाले भारतीय शरण मांग रहे हैं इसमें कोई घोटाला है। इसके बाद जांच शुरू हुई तो इस घोटाले का खुलासा हुआ। 

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