200 CCTV-ड्रोन से कड़ी नजर, हल्द्वानी पहुंची 3 कंपनी पैरामिलिट्री फोर्स; हिंसा के बाद क्या हालात?…

हल्द्वानी हिंसा के बाद चपे-चपे पर पुलिस का कड़ा पहरा है। दंगाइयों को पकड़ने के लिए पुलिस की ओर से सर्च अभियान चलाया जा रहा है। सीसीटीवी कैमरों, और ड्रोन की मदद से  उपद्रवियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।

शहर में शांति बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। शहर में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए  पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात किया गया है। गृह विभाग की ओर से वनभूलपुरा सख्ती को लेकर पांच कंपनी अतिरिक्त अर्धसैनिक बल मांगा गया था।

रविवार को केंद्र से अनुमति मिलने के बाद तीन कंपनी अर्धसैनिक बल को हल्द्वानी भेज दिया है। रविवार शाम फोर्स हल्द्वानी पहुंची गई है। देर रात एसएसपी ने फोर्स को अलग-अलग जगहों पर टुकड़ी में तैनात करने के निर्देश जारी किए हैं।

वनभूलपुरा भले ही उपद्रव के बाद से शांत है, लेकिन शासन इस मामले में ढील देने की स्थिति में नहीं है। खासकर प्रभावित क्षेत्र में उपद्रवियों की पहचान को चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशन को देखते हुए, केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बलों की केंद्र सरकार से मांग की गई थी।

रविवार शाम तीन कंपनी अर्धसैनिक बल हल्द्वानी पहुंच गया। प्रशासन ने क्षेत्र में कफ्र्यू और इंटरनेट बैन जारी रखने को कहा है, हालांकि यह रोक सिर्फ वनभूलपुरा में ही रहेगी, शेष क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं सुचारू रहेंगी।

पुलिस के आला अधिकारियों को भी लगातार क्षेत्र में निगरानी बनाए रखने को कहा है। वहीं दूसरी ओर अतिरिक्त अर्ध सैनिक बलों की तैनाती वनभूलपुरा में चल रहे उपद्रवियों के सर्च अभियान में लगाई जाएगी। एसएसपी प्रह्लाद नारायण मीणा ने देर रात फोर्स की तैनाती के निर्देश जारी किए

इनकी हुई गिरफ्तारी
मुखानी पुलिस की ओर से दर्ज मामले में गुलजार अहमद, रईस अहमद, मोहम्मद फरीद, जावेद, मोहम्मद साद, मोहम्मद तसलीम को गिरफ्तार किया गया है। वहीं नगर निगम की ओर से दर्ज मामले में अहमद हसन, शाहरुख, अरजना, रिहान, जिशान, मुजम्मिल और माजिद को गिरफ्तार किया गया है।

इन धाराओं में दर्ज हैं मामले
वनभूलपुरा मामला- धारा 147, 148, 150, 395, 323, 332, 341, 342, 353, 427, 486 आईपीसी, 3/4 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम, 7 सीआरएलए एक्ट और 15 विधि विरुद्ध गतिविधि अधिनियम के तहत मुखानी मामला- धारा 147, 148, 150, 307, 332, 353, 395, 427, 435 आईपीसी के तहत केस दर्ज हआ है।

इसी  के साथ ही, 3/4 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम, 7 सीआरएलए एक्ट के तहत नगर निगम मामला- धारा 147, 148, 149, 307, 332, 353, 335, 427 आईपीसी और 3/4 लोक संपत्ति निवारण अधिनियम में भी केस दर्ज हुआ है।  

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