जबलपुर। ई-कॉमर्स एवं क्विक कॉमर्स के बढ़ते व्यापार से खुदरा व्यापार चौपट होता जा रहा है छोटे और मध्यम व्यापारियों का व्यापार 50 प्रतिशत तक घट गया है और एक करोड़ दुकाने बंद होने की कगार पर हैं। देश में 8 करोड़ खुदरा व्यापारी हैं जिनके परिवार और कर्मचारियों को जोड़ने पर यह आकड़ा 50 करोड से अधिक लोगों के परिवारों के जीवन व्यापन से जुड़ा है।
जबलपुर चेम्बर के अध्यक्ष प्रेम दुबे ने सरकार से आग्रह किया है कि ई-कॉमर्स पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगना आवश्यक है। इससे सरकार को जहां एक ओर जीएसटी से बहुत अधिक लाभ होगा वहीं रिटेल व्यापारियों को इनसे प्रतिस्पर्धा करने में मदद मिलेगी। भारत में वर्तमान समय में ई-कॉमर्स व्यापार 1,130 करोड़ डॉलर का है, जो की करीब 21 प्रतिशत सालाना की दर से बढ़ रहा है। सरकार यदि 28 प्रतिशत जीएसटी इन पर लगाये तो भारत सरकार को करोड़ो डॉलर का अतिरिक्त लाभ होगा।
जीएसटी विभाग की कार्यप्रणाली भी छोटे व्यापारियों को चिंता में डाल रही है। यूपीआई के माध्यम से किए गये लेनदेन की जांच करने की बात व्यापारियों में डर और दहशत का माहौल पैदा कर रही है। एक ओर सरकार यूपीआई को प्रोत्साहित करने के लिए आम लोगों से कह रही है वहीं दूसरी ओर व्यापारियों को परेशान कर रही है।
जबलपुर चेम्बर के प्रेम दुबे, कमल ग्रोवर, राधेश्याम अग्रवाल, अजय बख्तावर, अजय अग्रवाल, पंकज माहेश्वरी, वीरेन्द्र केशरवानी, नरिंदर सिंह पांधे, बलदीप सिंह मैनी, निखिल पाहवा, दीपक सेठी, संदेश जैन, जितेन्द्र पचौरी, राकेश श्रीवास्तव, शशिकांत पांडेय, जुगल किशोर तिवारी, उमेश ग्रावकर, योगेश बिंजोलकर आदि ने अपील की।
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